Gabba Cricket Ground – जो दर्शकों के दिलों में ब्रिसबेन क्रिकेट ग्राउंड (The Gabba, Brisbane Cricket Ground) के नाम से मशहूर है, यह ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन शहर में स्थित है और यह स्टेडियम टेस्ट क्रिकेट खेलने में ऑस्ट्रेलिया का सबसे प्रतिष्ठित मैदानों में से एक है। 1828 तक यह स्टेडियम घुड़दौड़ के लिए जाना जाता था, 1840 के दशक में, ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट के प्रति लोकप्रिय बढ़ने लगी। 1890 दशक में क्वींसलैंड क्रिकेट एसोसिएशन (QCA) ने इस स्टेडियम को घुड़दौड़ की जगह एक स्थायी क्रिकेट मैदान में बदलने का फैसला किया।
इस मैदान में कई नए प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी जैसे की एक मंडप बनाया गया और एक घास का मैदान तैयार किया गया, और धीरे – धीरे स्टेडियम घुड़दौड़ की जगह Gabba Cricket Ground के रूप में तैयार हो गया। Gabba Cricket Ground जिसे दर्शक ब्रिसबेन क्रिकेट ग्राउंड के नाम से जानते है, आखिर वो दिन आ गया जिस दिन स्टेडियम का आधिकारिक उद्घाटन हुआ,10 दिसंबर 1897 को Gabba Cricket Ground का उद्घाटन हुआ था।
इस स्टेडियम में दर्शकों के बैठने की क्षमता 40,000 से अधिक की है। Gabba Cricket Ground में पहला टेस्ट मैच 1908 में खेला गया था जो ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था, यह टेस्ट मैच इस स्टेडियम पर खेले जाने वाला पहला टेस्ट मैच था। धीर – धीरे स्टेडियम ने कई अंतरास्ट्रीय मैचों की मेजबानी की और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट को मैचों की मेजबानी के लिए प्रमुख स्थल के रूप में योगदान देने लगा। 1960 और 1970 के दशक में, Gabba Cricket Ground ने यादगार और रोमांचित टेस्ट मैचों की मेजबानी की। और स्टेडियम का निरन्तर विकास होता रहा जैसी फ्लडलाइट्स लगाए गए, जिससे स्टेडियम पर रात को भी मैच खेला जाए।
इस स्टेडियम पर 2003 ने, रग्बी विश्व कप के कुछ मैचों की भी मेजबानी की साथ स्टेडियम ने कई हाई – प्रोफाइल टूर्नामेंट की मेजबानी की है जैसे कि द एशेज (THE ASHES) जो ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली जाती है , आईसीसी क्रिकेट विश्व कप और ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग भी शामिल हैं।
The Gabba Cricket Ground Pitch Report
Gabba Cricket Ground – की पिच संतुलित मानी जाती है जो बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ दोनों के लिए अनुकूल होती है। पिच पर घास होने के कारण तेज गेंदबाज़ को शुरुआत में स्विंग देखने को मिलता है जिससे बल्लेबाज़ों को बड़े शॉट खेलने में मुश्किलें होती है. बाद में स्पिन गेंदबाज़ों को भी इस पिच पर मदद मिलती है। इस पिच पर टॉस का फैसला अहम होता है। जो कप्तान जीतता है वह पहले गेंदबाजी करना पसंद करता है ताकि शुरुआती स्विंग और बाउंस का फायदा उठा सके।