बफ़ेलो पार्क स्टेडियम का इतिहास
Buffalo Park Stadium जो पूर्वी लंदन, दक्षिण अफ़्रीका में स्थित एक प्रसिद्ध मैदान है। जो रग्बी यूनियन और क्रिकेट के लिए जाना जाता है। यह स्टेडियम बफ़ेलो नदी के पास है जिससे स्टेडियम का नाम Buffalo Park Stadium पड़ा। 1891 में स्टेडियम पर खेल का आयोजन शुरू हुआ लेकिन शुरुआत में इस स्टेडियम को रग्बी के लिए उपयोग किया जाता था।
1925 में पूर्वी लंदन रग्बी क्लब ने इस स्थान को अपना घरेलू मैदान बनाया और धीरे-धीरे स्टेडियम का विकास किया। 1951 में Buffalo Park Stadium पर दर्शक मंडप बनाए गए और मैदान में सुधार किए गए। 1956 के दशक में पहला (करी कप) मैच आयोजित किया, जो एक रग्बी टूर्नामेंट है।
1931 में स्टेडियम पर पहले क्रिकेट मैच का आयोजन हुआ था लेकिन 1975 के दौरान दक्षिण अफ़्रीका के क्रिकेट को विवादों का सामना करना पड़ा जिससे दक्षिण अफ़्रीका को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने बाहर कर दिया।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी और नया युग (1991-2010)
1991के दशक में दक्षिण अफ़्रीका को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की अनुमति मिली। जो दक्षिण अफ़्रीका क्रिकेट और प्रशंषको के लिए अच्छी खबर थी। Buffalo Park Stadium की स्थापना 1992 में की गयी थी जिसमें दर्शकों की बैठने की क्षमता 15000 तक की है।
इसी साल Buffalo Park Stadium पर पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) क्रिकेट मैच आयोजित किया गया यह मैच दक्षिण अफ़्रीका और भारत के बीच खेला गया जिसमें दक्षिण अफ़्रीका ने भारत को हराया। यह एक शानदार मैच देखने को मिला था जिसे दर्शक कभी भूल नहीं पाएगा।
लम्बे अर्शे के बाद यहाँ टेस्ट का आगमन हुआ। स्टेडियम पर पहला टेस्ट मैच 1996 में आयोजित किया जो दक्षिण अफ़्रीका और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। इस स्टेडियम पर 2003 क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी भी की गई है। Buffalo Park Stadium ने कई अंतराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी की है यह स्टेडियम रग्बी और क्रिकेट दोनों के लिए जाना जाता है। इस मैदान पर दक्षिण अफ़्रीका टी20 लीग (SA20) के मैचों का भी आयोजन किया जाता है।
आधुनिक युग
- Buffalo Park Stadium पर फीफा विश्व कप 2010 के लिए दक्षिण अफ़्रीका की बोली असफल रही।
- 2013: स्टेडियम में महत्वपूर्ण नवीनीकरण किया गया, जिसमें नई फ्लडलाइट, स्कोरबोर्ड और बदलते कमरों को शामिल किया गया।
- 2023: बफ़ेलो पार्क ने हाल ही में दक्षिण अफ़्रीका और इंग्लैंड के बीच एक टेस्ट मैच की मेजबानी की। यह एक रोमांचित टेस्ट मैच देखने को मिला था।
बफ़ेलो पार्क स्टेडियम की खासियतें
ऐतिहासिक महत्व:
1956 में पहला क Currie कप (करी कप) मैच
1962 में स्प्रिंगबोक्स (Springboks) का पहला टेस्ट मैच
1992 में पहला ODI क्रिकेट मैच
2003 में क्रिकेट विश्व कप के मैचों की मेजबानी
खेल के मैदान:
रग्बी यूनियन और क्रिकेट दोनों के लिए उपयोग किया जाता है।
स्टेडियम पर दर्शकों की बैठने की क्षमता 15,000 तक की है।
पिच पर कम घास होती है और सतह थोड़ी सख्त होती है।
आधुनिक सुविधाएं, जैसे कि फ्लडलाइट, स्कोरबोर्ड और बदलते कमरे
Buffalo Park Stadium Pitch Report
Buffalo Park Stadium की पिच गेंदबाज़ों के लिए अनुकूल मानी जाती है। खासकर स्पिन गेंदबाज़ों को यहां गेंदबाजी करने में काफी मदद मिलती है। इस पिच पर बल्लेबाज़ी करना आसान नहीं है। पिच पर कम घास होती है और सतह थोड़ी सख्त होती है, जिससे गेंद अच्छी तरह से स्पिन करती है और बल्लेबाजों को रन बनाना मुश्किल हो जाता है।
इस पिच पर बड़े स्कोर करना मुश्किल है। आमतौर पर, यहां पहली पारी का स्कोर 120-150 रन के आसपास रहता है।इससे पता चलता है कि पिच गेंदबाज़ों के लिए कितनी अनुकूल है। पिच पर स्पिन गेंदबाज़ों का दबदबा रहता है। स्पिनरों को काफी टर्न देखने को मिलता है, जिससे बल्लेबाज़ खुलकर नहीं खेल पाते और अपनी विकेट गँवा देते हैं। दूसरी पारी में गेंद थोड़ी ज्यादा घूमती हुई नजर आ सकती है।