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वानखेडे स्टेडियम का इतिहास- History Of Wankhede Stadium

वानखेडे स्टेडियम

वानखेडे स्टेडियम, भारत के मुंबई, महाराष्ट्र, में स्थित है, यह मैदान बहुत समय पहले बना था जिसने क्रिकेट दर्शको को बहुत से यादगार पल दिए है। इस स्टेडियम का नाम शामराव के नाम पर रखा गया था शामराव जी मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष भी रहे. 1969 में इस स्टेडियम का निर्माण शुरू हुआ और 1974 में इसका उद्धघाटन किया गया। यह स्टेडियम केवल एक वर्ष (11 महीने और 23 दिन) के भीतर बन गया  जो की बहुत ही जल्दी बन गया था। साल 1975 में यहां पहला टेस्ट मैच खेला गया था जिसमे वेस्टइंडीज़ के कप्तान ने दोहरा शतक लगाया था और भारतीय टीम यह मैच 201 रनो से हार जाती है.वानखेडे स्टेडियम में भारतीय टीम के पहले जीत 2 साल बाद आयी जो की न्यूजीलैंड के खिलाफ आयी थी। महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने इसी मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 205 रनों की शानदार पारी खेली थी. वानखेडे स्टेडियम में भारतीय क्रिकेटर द्वारा उच्च सकोर करने वाले पहले क्रिकेटर बने विराट कोहली जिन्होंने इंग्लैंड टीम के खिलाफ 2016-17 में 235 रन बनाये थे। इस स्टेडियम में 1985 में भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री द्वारा खेली गयी एक शानदार पारी जिसमे उन्होंने बोम्बे और पुणे के बीच खेले जा रहे प्रथम श्रेणी मैच में छ गेंदों पर छ छक्के जड़े जिसकी बदौलत उन्होंने सबसे तेज 12 गेंदों में अपना अर्धशतक लगाया था। स्टेडियम की लोकप्रियता में चार चाँद लगाने का काम साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने 28 साल बाद विश्व कप जीत कर किया और क्रिकेट के भगवान् महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को अलविदा भी इसी मैदान से कहा था। 

वानखेडे स्टेडियम की खाशियत ?

इस स्टेडियम में गर्मी के के बचाव के लिए टेफ्लॉन फाइवर छत के साथ खड़ा जिसका वजन हल्का है। यह स्टेडियम उत्तर और दक्षिण में स्थित है और 2011 में इस मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने 28 साल बाद विश्व कप जीता था। मुंबई के इस वानखेडे स्टेडियम की पिच लाल मिटटी की बनी होती है। वानखेड़े स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन करने के लिये पिछले कई सालो में इस स्टेडियम का नवीनकरण और साथ ही दर्शको की बैठने की क्षमता के ऊपर कार्य किया गया है और भी कई सारी सुविधाएं इस स्टेडियम में दी गई है। 

वानखेडे स्टेडियम में यादगार पल

  • 1983 क्रिकेट विश्व कप फाइनल: वानखेडे स्टेडियम में 1983 क्रिकेट विश्व कप का फाइनल जो की भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था जिसमे कपिल देव की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला विश्व कप जीता था.कपिल देव ने फाइनल में विवियन रिचर्ड्स का शानदार कैच पकड़ कर दर्शको को एक यादगार पल दिया है.
  • सचिन तेंदुलकर का 100वां शतक: क्रिकेट के दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक, जो 2012 में बांग्लादेश के खिलाफ बनाया गया था और क्रिकेट  सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को अलविदा भी इसी मैदान से कहा था। 
  •  2011 क्रिकेट विश्व कप फाइनल:  वानखेडे  स्टेडियम पर साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने 28 साल बाद विश्व कप जीता। साल 2011 में विश्व कप का फाइनल इसी स्टेडियम पर खेला जो कि भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया जिसमे भारतीय क्रिकेट टीम की जीत हुई थी।  वानखेड़े स्टेडियम ने भारतीय क्रिकेट टीम और भारतीय दर्शको को बहुत से यादगार पल दिये है। 

वानखेडे स्टेडियम की पिच कैसी है ?

वानखेडे स्टेडियम, यह की पिच बल्लेबाज़ों के लिये अनुकूल मानी जाती है यह स्टेडियम छोटा है  जिसकी मदद से बल्लेबाज़ों को यहां पर छक्के और चोक्के लगाने आसान हो जाते हैं, इस स्टेडियम की पिच भी सपाट होती है जिसकी वजह से बल्लेबाज़ों को यहाँ पर रन बनाने में आसानी होती है.इस स्टेडियम में शाम के मैचों में ओस का कारक भी खेल में आ सकता है, जिसकी मदद से दूसरी बल्लेबाज़ी करने वाली टीम के लिए चेस करना आसान हो जाता है। मुंबई के इस वानखेडे स्टेडियम की पिच लाल मिटटी की बनी होती है

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